'साँवला सितारा' हाल ही में प्रकाशित एक 'रोमांटिक उपन्यास' है जिसे अनुमिता शर्मा ने लिखा है। यह हिंदी उपन्यास अंजुमन प्रकाशन द्वारा पाठकों के लिए उपलब्ध कराया गया है और ऑनलाइन पोर्टल्स पर पसंद किया जा रहा है। एक बेहद सुन्दर कवर के साथ प्रकाशित यह पुस्तक 'जेन-ज़ी' को खासकर अपील करती है और 'वैलेंटाइन डे' के उपलक्ष में अत्यधिक प्रासंगिक है।
अगर आपने लेखिका अनुमिता शर्मा की अन्य पुस्तकें पढ़ी हैं तो आप उनके पूर्णतावादी (पर्फेक्शनलिस्ट), कल्पनाशील (इमैजिनेटिव), अनूठे (यूनिक) और सशक्त (पावरफुल) लेखन से परिचित होंगे। वे वर्त्तमान समय के उन महानतम लेखकों में शामिल हैं जिन्हे समाज अभी भी जानने की प्रक्रिया में है और जिनकी प्रतिभा को उचित पहचान मिलना शेष है। उनकी रचनाएँ वास्तविकता और अलौकिकता की सीमाओं से परे, भावनाओं और प्रेक्षणों के एक अद्भुत संसार का सृजन करती हैं। लेखिका भाषा पर सटीक पकड़ और अपनी एक अनूठी अवलोकन शक्ति के सहारे लिखी हुई रचनाओं से पाठकों को निरंतर आश्चर्यचकित करती हैं।
'साँवला सितारा' विषयवस्तु में एक 'रोमांटिक उपन्यास' ही है और आजकल युवावर्ग में लोकप्रिय हो रहे मास-सेलिंग रोमांटिक नोवेल्स के दौर में, जहाँ अधिकांशतः अंग्रेजी नोवेल्स का बोलबाला है, अपनी पहचान बनाने योग्य है।
मैं लेखिका की अवलोकन शक्ति का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ और यहाँ इस उपन्यास से चुने हुए अपने पसंदीदा कुछ उद्धरण पेश कर रहा हूँ।
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"उसने लाल पगड़ी और क्रीम कलर की शेरवानी पहनी थी, मगर उसके ज़र्द चेहरे पर अजीबोगरीब भाव थे, जैसे वह उस उन्मादित सैलाब के हर कोने से किसी आपदा की उम्मीद कर रहा हो, लेकिन अगर वह किसी तरह अपने स्थान पर चिपका रहा, तो वह खतरनाक समय बीत जायेगा।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"यही फ़र्क़ है शादी करने और प्यार करने में।" मैंने अजीब सी आवाज में कहा, जो मेरी अपनी नहीं थी, और मेरी आखों में आँसू आ गये। - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"सूरज गोधूलि की चाँद की तरह लग रहा था। दूर आसमान से पक्षियों और मवेशियों की आवाजें आ रही थीं। बादलों के मध्य से निकलता सर्दी का शांतिपूर्ण प्रकाश मेरे साथ चल रहा था। मैं जंगली फूलों, पौधों, घास और मेरे कपड़ों में उलझे कोहरे के इत्र को सूंघ सकती थी।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"हाँ", मैंने निराश होकर उत्तर दिया। बाहर का फलता-फूलता अँधेरा भीतर फैल गया और अंदर की बेसुरी धुन में मिल गया। कटलरी का शोर, संगीत के बीच का ठहराव, सन्नाटे को भरने की असफल कोशिश कर रहे थे। इस दौरान मैंने हैरानी से उसके मक्खन जैसे सफ़ेद और चमकदार चेहरे को बारी-बारी से पिघलते और लौटते देखा। वह चेहरा किसी मरे हुए आदमी जैसा था।
"देर हो रही है। मुझे जाना है। मैंने बिल दे दिया है।" और वह उठकर चला गया। ऐसे ही।
उसका उग्र व्यक्तित्व आँधी की तरह निकल गया। मुझे लगा जैसे उसने मुझे शारीरिक चोट पहुँचायी हो। - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"मैंने एक टिश्यू उठाया और अपने होठों पर ऐसे फिराया, जैसे कि मैं उन शब्दों को मिटा सकती हूँ, जो मैं बोलने वाली थी।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"वह ऐसा व्यक्ति लगता जो हर चीज से ख़फ़ा था। मैंने सोचा, उसके पास एक मौलिकता थी।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"समय-समय पर वह मुझे हैरान कर देता था जैसे कि वह एक रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहा था या मैं कोई समझ से बाहर चुड़ैल थी और उसे नहीं पता था कि मेरे बारे में क्या करना है।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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"चोट बारह इंच गहरी होनी चाहिए।" - अनुमिता शर्मा, साँवला सितारा
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यदि आप रोमांटिक उपन्यास शैली को पसंद करते हैं तो आप 'साँवला सितारा' जरूर पढ़ें।
- राहुल