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Tuesday, May 5, 2020

बत्तमीज से दोस्ती का परिणाम | Making Friends With Bad Behavior


एक महानुभाव ने फेसबुक पर एक फ्रेंड (दोस्त) बनाया। शुरू में ही समझ आ गया कि दोस्त "बत्तमीज" था। पर "मेरे साथ ऐसा नहीं होगा" के अति-आत्मविश्वास से ग्रसित महानुभाव ने कोई कदम नहीं उठाया। बत्तमीज दोस्त आए दिन एक-एक कर किसी न किसी को अपने गुस्से का शिकार बनाता। महानुभाव सौम्य स्वाभाव के थे, डर जाते पर कुछ किया नहीं। "निगेटिव" को नजरअंदाज कर "पॉजिटिव" पर ध्यान केंद्रित किया। बत्तमीज दोस्त की लिखी बातें ज्ञान-वर्धक जो थीं! 

एक कहावत है - "मेमने की माँ कबतक खैर मनाएगी"। एक दिन महानुभाव का बुरा दिन था। बत्तमीज दोस्त के "हत्थे चढ़ गया"। बत्तमीज दोस्त ने अपनी "परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन" का प्रदर्शन कर सबके सामने महानुभाव की आरती उतारी। ऊपर से दोस्ती तोड़ ली सो अलग। 

महानुभाव पछताए कि क्यों इस दिन का इंतजार किया - "मेरे साथ नहीं होगा" की मानसिकता पर उन्हें खेद हुआ। 

बत्तमीज से दोस्ती का परिणाम अच्छा नहीं हो सकता। आज नहीं तो कल, उसके दुष्परिणाम भुगतने को तैयार रहें! हमारे ऊपर वाले महानुभाव जैसा न बनें। 

- राहुल तिवारी