Tuesday, February 3, 2015

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!


हो जाय न पथ में रात कहीं,


मंज़िल भी तो है दूर नहीं -

यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

(Harivansh Rai Bachchan)





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